रा.साहित्यिक सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था काव्यसृजन ने महाराष्ट्र,गुजरात व "मजदूर दिवस" के अवसर पर राष्ट्रीय काव्यगोष्ठी का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता संस्था के सचिव लालबहादुर यादव कमल जी ने की और संचालन प्रा.अंजनी कुमार द्विवेदी जी ने किया।
डॉ श्रीहरि वाणी व हौंसिला प्रसाद "अन्वेषी" के मार्गदर्शन में काव्यसृजन परिवार ने गूगल मीट पर बहुत ही सुन्दर आयोजन किया और कोरोना से उपजे अवसाद को दूर करने का सार्थक प्रयास किया, इस ऑनलाइन आयोजन में चार चाँद तो तब लग गये जब मुख्य अतिथि प्रख्यात गजलकार एवम वरिष्ठ कवि आदरणीय दिवाकर वैशम्पायन ने अपनी गरिमय उपस्थिति से हम सबको आह्लादित किया।
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी कवियों ने बहुत सुन्दर - सुन्दर आशा जगाती रचनायें प्रस्तुत कर श्रोताओं को आह्लादित कर दिया, पटल पर प्रमुख रूप से कविता का आनंद लेने लिए उपस्थित के सी एन क्लब के संस्थापक अध्यक्ष पं.नंदन मिश्र, शरद सक्सेना व मंदार मैंकर ने आखिर तक बड़े ही सौम्य भाव से सबको सुना व साधुवाद भी ज्ञापित किया।
कवियों में मध्य प्रदेश से डॉ भावना दीक्षित सर्वश्री मुकेश "कबीर", छत्तीसगढ़ से रश्मिलता मिश्रा, दिल्ली से गोपाल गुप्त दहली, गुजरात से राजेश सिंह, नागपुर से मनिंदर सरकार, एड.राजेश द्विवेदी, जौनपुर से शारदा प्रसाद द्विवेदी, शरद, कानपुर से डॉ श्रीहरि वाणी, पालघर( महाराष्ट्र ) से पवन मिश्र, अमित दूबे, सौरभ दत्ता जयंत, पं.शिवप्रकाश जौनपुरी, सुमन तिवारी, ठाणे से विनय शर्मा "दीप", उमेश मिश्र "प्रभाकर", रेखा तिवारी, डॉ वर्षा सिंह ,मुम्बई महानगर से शशिकला कालकर, श्रीधर मिश्र, आनंद पाण्डेय "केवल", बीरेन्द्र कुमार यादव, लालबहादुर यादव "कमल", हौंसिला प्रसाद अन्वेषी, पूजा नाखरे, अंजनी कुमार द्विवेदी और पनवेल से आदरणीय दिवाकर वैशम्पायन ने आयोजन को अप्रतिम ऊँचाइयाँ प्रदान की।गीत - गजल - कविता - सवइया मुक्तक - मुकरी - भजन आदि सभी प्रस्तुत हुए,एक से बढ़कर एक रचनायें सुनने को मिलीं और लगभग साढ़े तीन घंटे तक लोग इस महामारी को भूलकर काव्य के सागर में खूब आनंदित हो गोते लगाते रहे, बीच बीच में कोरोना पर विजय की चर्चा भी होते रही।
मुख्म अतिथि आदरणीय दिवाकर वैशम्पायन ने आयोजन की भूरि भूरि प्रशंसा की और संस्था को साधुवाद दिया तथा संस्था के विगत कार्यों पर भी प्रकाश डालते संस्था द्वारा अन्य सामाजिक सरोकारों पर अपने दायित्व निर्वाह पर अपनी प्रसन्नता भी व्यक्त की।
अन्त में आज के आयोजन की अध्यक्षता कर रहे आदरणीय लालबहादुर यादव कमल ने सभी रचनाकारों की प्रस्तुति व रचना पर अपने विचार रखे तथा सबका उत्साहवर्धन किया कोरोना देश ही नहीं वरन विश्व से लुप्त हो इसलिए ईश्वर से विनती भी की गयी। विगत दिनों जो कई साहित्यकार व कई जिन्दगियाँ इस महामारी में स्वर्ग गमन कर गई उन दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु दो मिनट का मौन रखकर ईश्वर से प्रार्थना के साथ ही उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
अंत में संस्था के प्रवक्ता आनंद पाण्डेय "केवल" ने सभी का आभार ज्ञापित किया और सबसे अनुरोध किया कि संस्था इसी तरह आप सब के सहयोग एवम सानिध्य से हर वो काम करेगी जो सुचारु रूप से समाज व साहित्य को ऊर्जा एवम उत्साह प्रदान करें और संस्था बहु आयमी उद्देश्यों की पूर्ति की अपनी जिम्मेदारी सफलता पूर्वक निभा सके, इसमें आप सबका सहयोग प्रार्थनीय है।
बहुत आल्हाददायीं
ReplyDeleteऔर प्रेरणा देनेवाली
वार्ता ..